जियें तो केसे जियें
जानवर तो खूब जीते हें
लेकिन इन्सान बन कर अगर जीना हे
तो बस एक फार्मूला जरुर ध्यान रखें
रात सोने से पहले
अपने आज और आज की
गतिविधियों की समिक्ष करें
आज अगर ठीक निकल गया
तो उसकी प्रशंसा कर
खुदा का शुक्रिया अदा करें
और अगर ग़लत हुआ हो
तो फिर उस पर अफ़सोस करो
उस गलती को फिर से नहीं करने
और भविष्य में सूधारने का संकल्प लो ।
आज की गलतियाँ सुधारने के लियें
कल का इन्तिज़ार करें
जिनके लियें आपने गलत किया
उनसे माफ़ी मांगें
जहां आपने रास्ते का पत्थर नहीं हटाया
वह जाकर पत्थर हटायें
ताकि किसी के ठोकर नहीं लगे
जहां गड्डा देखा हो
उसे कल जाकर समतल करें
जीने के लियें बस सोचें
आपका हर दिन नया जन्म हे
और रात नई म़ोत हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 अक्तूबर 2010
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bahut hee sunder vicharo ka darpan hai ye rachana....
जवाब देंहटाएंAabhar