तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 अक्टूबर 2010
अस्पताल में कलेक्टर का श्रमदान
कोटा अस्पताल में मरीजों की दुःख तकलीफ और वहां गंदगी देख कोटा कलेक्टर अचम्भित और आहत हुए और उन्होंने इस सम्बन्ध में कठोर निर्देश जारी किये लेकिन साफ़ सफाई के प्रति लापरवाह अस्पताल प्रशासन ने जब इस मामले में दिल पोल की तो कोटा कलेक्टर टी रविकांत से रहा नहीं गया उन्होंने खुद का अमला साथ लिया और अस्पताल में जहां जहां झाड़ झ्न्काद थे खुद ही साफ़ करने लगे और जहां जहां भी उन्होंने गंदगी देखी बस वोह वहीं झाड़ू लेकर सफाई करने पिल पढ़े । कोटा कलेक्टर की इस उदारता भरी हरकत को देख कर अस्पताल प्रशसं के अधिकारी और व्यवस्थापक सकपका गये और फिर वोह भी अपनी टीम के साथ कर सेवा में साफ सफाई व्यवस्था में लग गये । कोटा कलेक्टर की इस कर सेवा से जहां अस्पताल प्रशासन शर्मिंदा हे वहीं उन्होंने अब अस्पताल को मरीजों के लियें साफ सुथरा और व्यवस्थित रखने का संकल्प लिया हे । कलेक्टर टी रविकांत की इस सेवादार हरकत से कोटा की जनता में कलेक्टर की छवि सेवादार प्रशासक की बन गयी हे और निकम्मे लोगों से कम केसे लिया जाता हे इसका नया फार्मूला भी कोटा प्रशासन को मिल गया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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