जमीन का मामला अलाहाबाद कोर्ट में चल रहा हो और पीड़ित परिवार इन्साफ की तलाश में एक बाबा के कहने में आकर अजमेर शरीफ की दरगाह में अपने हक में फेसला होने के इन्तिज़ार में भूखा प्यासा तडप रहा हो तो उसे अन्धविश्वास नहीं तो क्या कहेंगे इस अंध विश्वास ने अजमेर में एक ही परिवार के तीन लोगों की जान लेली जबकि इस परिवार के नो जने अभी भी जिंदगी और म़ोत के बीच में झूल रहे हें ।
अलाहाबाद का एक परिवार जमीन के विवाद के मामल में दुखी था और इस परिवार के मुस्तुफा को अजमेर यात्रा के दोरान एक बाबा मिले जिन्होंने उस पुरे परिवार को जमीन का मामला उनके हक में होने का आश्वासन दिलाया और इसके लियें इस पुरे परिवार के १२ सदस्यों को फेसला होने तक भूखा प्यासा रहने के लियें कहा गया , बस फिर क्या था मुस्तुफा का परिवार बिना खाने पीने के अजमेर की दरगाह पर पढ़ गया और उनकी तबियत भूख प्यास से दिन बी दिन बिगडती चली गयी लेकिन वोह टस से मस नहीं हुए , कल; जन्नती दरवाजे के पास जब उस परिवार के तीन लोगों की म़ोत हो गयी तब जाकर अजमेर और दरगाह प्रशासन हरकत में आया तुरंत बाज़ी परिवार के लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया जब परिवार से पूंछा गया अंध विश्वास की भूख हडताल का यह सच सामने आया । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
11 अक्तूबर 2010
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Behad afsos ke baat hai, aise babaon ko goli mar deni chahie.
जवाब देंहटाएंबेहद क्रूर अन्धविश्वास, इस लेख के लिये आभार, अख्तर साहब!!
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