कोटा में स्कूलों में दरी से जाने वाले शिक्षकों की अब खेर नहीं हे , स्कूलों में लगातार शिक्षकों की अनुपस्थिति की शिकायतों पर कोटा कलेक्टर ने ओचक निरिक्षण के मामले में एक टीम का गठन क्या जिसने पहले दिन करीब तीन सो शिक्षकों को स्कुल से अनुपस्थित पाया इसमें से कई शिक्षक तो ऐसे निकले जो सरकारी स्कुल टाइम र अपने खुद के या किसी रिश्तेदार के निजी स्कुल में पढाते मिले ऐसे शिक्षकों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की सिफारिश की गयी ।
कोटा कलेक्टर टी रविकांत ने इस मामले में जनता से भी अपील की हे के अब वोह खुद ऐसे शिक्षकों की पहचान कर प्रशासन को बताये , एक अनुमान के मुताबिक एक दिन में तीन सो शिक्षकों की अनुपस्थिति के बाद वेतन उठाने के मामल में सरकार को लाखों का नुकसान हे , कोटा कलक्टर की इस कार्यवाही से जहाँ ग्रामीणों और स्कुल के अभिभावकों को राहत मिली हे वहीं शिक्षकों और शिक्षक संघो में भगदड़ मच गयी हे , लेकिन इतनी सख्ती के बाद भी शिक्षक हे के सुधरने का नाम नहीं ले रहे हें जो शिक्षक वक्त पर जाते हें वोह वक्त पर ही जा रहे हें उन्हें कोई पुरस्कार नहीं और जो लेट लतीफ हें और ऐसे लेट लतीफ जो जानबूझ कर बिना किसी मजबूरी के आदतन लेट लतीफ हें उनके खिलाफ तो कार्यवाही होना ही चहिये ताकि एक उदाहरण बन सके । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
11 अक्तूबर 2010
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सही कदम । शिक्षक के नाम पर कलंक हैं ये । पैसे कमाने हैं तो स्कूल के बाद काम करके कमायें । तनखा स्कूल से मुफ्त की और नौकरी किसी और की ।
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