कोटा से फ़्रांस गयीं महापोर जब कोटा की खूबसूरती और व्यवस्था के बारे में डींगें हांक कर जब वापस कोटा लोटी तो कोटा की हालत देख कर वो रो पढ़ीं , उनके जाने स आने तक नगर निगम के कर्मचारियों और अधिकारीयों ने कोटा की सडकें न तो मरम्मत की और न ही साफ़ सफाई ही की गयी कोटा में राष्ट्रीय मेला दशहरा सर पर हे और मेला स्थल पर अतिक्रमण और गंदगी के ढेर आते पढ़े हें , हालत यह हें के महापोर की अनुपस्थिति में महंगे कलाकारों के कार्यक्रम अधिकारीयों ने ही तय कर लिए ।
महापोर रत्ना जेन ने फ्रांस में जाकर कोटा के प्रयत्न को बढ़ावा देने के लियें कोटा साडी और कोटा के प्रयत्न स्थलों का बखान किया इससे कोटा के मामले में फ्रंस्वासी प्रभावित भी हुए , लेकिएँ जब महापोर जी कोटा आयीं और यहाँ की दुर्गति देखी तो बस वोह नाचते हुए उस खुबसुरत मोर की तरह गंदगी के मामले में पेरों को एख कर रोने वाले मोर की तर्ज़ पर रोने लगीं और फिर उन्होंने पार्षदों और निगम कर्मियों की क्लास ले डाली। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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