आपका-अख्तर खान

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17 अक्तूबर 2010

सब कुछ लूट लेती हे

ना तुम हो
धर्म के दुश्मन
न मुझको हे
दीन से नफरत ,
मगर हम क्या करें
ज़ालिम सियासत
हमें लूट लेती हें
गवाहों से
वकीलों से
कभी
झुन्ति दलीलों से
लगाकर
लम्बी तारीखें
अदालत हमें
लूट लेती हें।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

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