आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

17 अक्तूबर 2010

हम बुरे हें इसलियें बुराइयां हें

आप जानते हें
दुनिया में
बुराइयां ही बुराइयां हे
लेकिन जरा बताओ
तुमने कभी सोचा
समाज में यह
बुराइयां क्यूँ हें
दोस्तों दुनिया mएन
बुराइयां इसलियें नहीं
बुरे ज्यादा
बुराइयां करते हें
बल्कि बुराइयां इसलियें हें
की आप और हम
सिर्फ और सिर्फ
भला बनने के लियें
हर बुराई के आगे
डर कर सहम कर
या फिर
अपने बुरों को देख कर
हर बुराई के आगे
चुप हो जाते हें
नतमस्तक हो जाते हें
सच तो यही हे
आप और हम
गलत को गलत
कहने की हिम्मत
खो बेठे हें
और बस यही वजह हे
इस देश में
इस समाज में
बेशुमार
बुराइयां ही बुराइयां हें
और इस हर बुराई के लियें
सिर्फ और सिर्फ
आप और हम
bure hen isliyen buraaiyan he .

akhtar khan akela kota rajsthan

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...