कल कोटा मेले दशहरे में राष्ट्रिय स्तर के कविसम्मेलन में कवियों ने भी आम जनता कि तरह मेले कि अव्यवस्था पर खूब कटाक्ष के बंद चलाये कोटा के कवि सम्मेलन में आगन्तुक कवियों के स्वागत में जब महापोर डोक्टर रत्ना जेन ने पक्षपात किया और जेन कवि का सम्मान कर बाक़ी को तर्क दिया तो मंच पर से ही कवि ने इस मामले में अपने उद्बोधन में आपत्ति कर डाली और महापोर रत्ना जी को अँधा बांटे रेवड़ी अपनों अपनों को दे वाली कहावत कह डाली , कवियों को खाना नहीं खिलाया गया यह बात भी कवि जी ने मंच पर ही पेल दी और दूसरी अव्यवस्थाओं का भी खब मजाक उड़ाया गया ।
कोटा मेले में इस बार भ्रस्ताचार कि आम शिकायतें रही हें हालात यह रहे हें के कोंग्रेस के पार्षद ही इस बात से नाराज़ हे इतना ही नहीं कोंग्रेस के नेता भी मेले में भ्रस्ताचार से दुखी हे कोंग्रेस के कोटा जिला कोंग्रेस प्रवक्ता नीरज गुप्ता ने तो इस मामले में मेले में भ्रस्ताचार का विस्त्रत ब्योरा लिख कर मुख्यमन्त्रियो अशोक गहलोत जी को भेजा हे और इस मामले में मुख्यमंत्री के नियंत्रित अधिकारी से जांच करवाने कि शिकायत तक कर डाली हे वेसे मंत्री शांति कुमार धारीवाल पहले ही इस मामल में मेले कि भ्रटाचार जांच कि घोषणा कर चुके हें कोटा में लगातार या तो प्रशासक या फिर भाजपा बोर्ड मेला भरवाता रहा हे लेकिन पहली बार कोंग्रेस कि महापोर के नेत्रत्व में मेला भराया गया हे जिसमे भ्रस्ताचार और अव्यवस्थाओं का बोलबाला रहा हे खुद कोंग्रेसियों को भी सम्मान नहीं दिया गया हे भ्रटाचार के कर्ण मेले कि रोनक भी नहीं बन पाई हे और अव्यवस्थाओं का तमाशा सब भोग रहे हें मेल उद्घाटन के वक्त खुद राजस्थान सरकार के सहकारिता मंत्री पर्सादिला जी मीना यहाँ से नाराज़ होकर गये थे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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