तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
15 अक्तूबर 2010
फर्जी प्रमाण पत्रों से दूसरों का हक मारा
शेक्षणिक नगरी कोटा से इंजीनियरिंग में कम नम्बर आने पर भी एडमिशन के लियें दो लडकों ने फर्जी मूलनिवासी प्रमाण पत्र बनवाकर एडमिशन लिया हे । पिछले दिनों कोटा में दो लडके एक रामस्वरूप मीणा दुसरा विनोद मीणा जो मूल रूप से सवाई माधोपुर के रहने वाले हें उन्होंने पहले तो मध्य प्रदेश श्योपुर में जाकर रहना शुरू क्या लेकिन वहन मीणा जाती अन्य पिछड़ा वर्ग में आती हे और राजस्थान में यही मीणा जाती अनुसूचित जन जाती में आती हे बस इसीलियें इन बच्चों ने खुद का जुगाड़ लगाकर कोटा का मूलनिवासी प्रमाण पत्र बनवाया मूल निवासी [प्रमाण पत्र जिसमें जो ओरिजनल मूल निवासी हे उसे इस प्रमाण पत्र को बनवाने में पसीने आ जाते हें दस साल का शेक्षणिक रिकोर्ड माँगा जाता हे पिता और सभी लोगों का रिकोर्ड जांच कर यह प्रमाण पत्र बनाया जाता हे लेकिन इन लडकों का पर्भाव्शाली लोगों से ताल्ल्लुक था इसलियें इनका प्रमाण पत्र तुरंत बिना किसी जाँच के फर्जी दस्तावेजों की कुत्र्चना कर बनवा लिया गया , एडमिशन के बाद किसी पीड़ित लडके ने अज्ञात नाम से इस मामले में कलेक्टर को लिखित शिकायत की और फिर इस मामले में जब जांच हुई तो चोंकाने वाले तथ्य यह सामने आये के जो पटर इन छात्रों ने बताये थे वोह सभी फर्जी थे जो दस्तावेज इन्होने पेश किये वोह भी फर्जी निकले अब प्रशासन इन छात्रों के प्रभावशाली परिवार से ताल्ल्लुक होने के कारण इनके खिलाफ रिपोर्ट लिखवाने में थोडा हिचकिचा रहा हे लेकिन आखिर कब तक कोई इन लोगों को बचा पायेगा क्योंकि जिसका हक इन्होने मारा हे वोह तो किसी भी सुरत में इन्हें छोड़ने वाला नहीं हे हे ना मजेदार बात एक फर्जी प्रमाण पत्र ने इन बच्चों की जिंदगी ही बदल दी थी । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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यही तो विडंबना है...
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'शब्द-सृजन की ओर' पर आज निराला जी की पुण्यतिथि पर स्मरण.