आपका-अख्तर खान

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04 अक्तूबर 2010

में क्या मांगने आया हूँ

जेम मुनि
तरुण सागर जी ने कहा हे
में तुमसे
नोट मांगने नहीं आया हूँ
वोट और सपोर्ट भी
मांगने नहीं आया हूँ
में सिर्फ तुमसे
तुम्हारी खोट
मांगने आया हूँ
वोह खोट जो तुम्हें
रात को सोने नहीं देती
वोह खोट जो तुम्हे
दीन हीन दरिद्र बनाये हुए हे
में तुम्हारे द्वार पर
झोली फेलाए खड़ा हूँ
इस झोली में डाल दो
जीवन की तमाम बुराइयाँ
बस यही मेरी
गुरु दक्षिणा होगी।
संकलन अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. वोह खोट जो तुम्हे
    दीन हीन दरिद्र बनाये हुए हे
    में तुम्हारे द्वार पर
    झोली फेलाए खड़ा हूँ

    बहुत अच्छा विचार ले कर प्रस्तुत किया है ...सुन्दर अभिव्यक्ति

    जवाब देंहटाएं

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