आपका-अख्तर खान

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02 अक्तूबर 2010

बहुत उदास हे कोई .....

बहुत उड़ा हूँ में
तेरे जाने के बाद
हो सके तो
प्लीज़
लोट के आओ
किसी ना किसी
बहाने के साथ ,
तू लाख खफा सही
मगर एक बार
इधर तो देख
कोई हे
जो टूट गया हे
शीशे की तरह
तेरे
रूठ जाने के साथ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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