दोस्तों जिस जन्नत के लियें लोग इस जीवन में कुर्बानियां देते हे वोह जन्नत एक नहीं बलके आठ तरह की हे जन्नत में आदमियों को सेविका के रूप में हूरें मिलेंगी जबकि ओरतों को गिल्मान मीलेंगे । पहली जन्नत जन्नतुल मावा, दूसरी जन्न्नत जन्नतुल नईम, तीसरी जन्नत जन्नतुल आदम,चोथी जन्नत जन्नतुल फिरदोस,पांचवीं जन्नत जन्नतुल दारुल इस्लाम , छटी जन्नत जन्नतुल दारुल खुल्द हे सातवीं जन्नत जन्नतुल दारुल करार, आठवीं जन्नत दारुल जमाल हे ,
तो दोस्तों हे ना मजेदार बात खुदा के घर में जन्नत भी किसिम किसिम की हे अब सोचो हम और आप कहां किस जन्नत में जायेंगे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
02 अक्तूबर 2010
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Hurein kahin aur se nahin aaeinge, yahee biwi milegi.zara polish ker ke.
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