आपका-अख्तर खान

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04 सितंबर 2010

मत झाँक दूसरों के घरों में

दूसरों के घरों में
झाँकने से
तुझे हासिल
क्या होगा
मत झाँक
दूसरों के घरों में
झांकना हे
तो झाँक
तेरे खुद के
गिरेबान में
खुद बा खुद
तू अपनी
नजरों से
गिर जाएगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

4 टिप्‍पणियां:

  1. Waah laakh take ki baat kahi hai aapne. Yadi yah sikh man liya jaay to fir samaj hamara swarg na bn jaay. Bahut hi prerak aur saamyik.

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    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत सही बात कही है आपने !

    जवाब देंहटाएं

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