मेरा हर दिन
तेरी हर रात से
अच्छा हे ,
मेरा हर गीत
तेरे हर जज्बात
से अच्छा हे
तू दुल्हन बनी हे
मगर
तेरी डोली से
आज
मेरा जनाज़ा
अच्छा हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 सितंबर 2010
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very good. Keep it up.
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