तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 सितंबर 2010
बूंदी ऐ डी जे की पिटाई किसी ने नहीं बचाया
बूंदी में अपर जिला जज के पद पर कार्यरत अनवर को बूंदी से कोटा आते वक्त दो युवकों ने सीट के माले में झगड़ा कर पीट दिया इतना ही नहीं उन्हें बस से बाहर भी फेकने का प्रयास किया बूंदी से कोटा का सफर करीब ४५ मिनट का हे इस सफर में लगातार झगड़ा होता रहा और असंवेदनशील समाज में से बीच बचाव के लियें ना तो कोई सवारी बोली और न ही ड्राइवर कन्डक्टर ने इस मामल में कोई बीच बचाव की पहल की ,अपर जिला जज से मारपिटाई करने वाले तो बस से उतर कर ओटो में बेठ कर भाग ही गये तहे लेकिन वोह तो जज साहब की सूझ बुझ ने दिमाग लगाया और वोह भी साथ ही उतर गये उन्होंने तूर्ण पुलिस को खुद का परिचय देकर सुचना दी और पुलिसकर्मी की मोटर साइकल पर उसका पीछा क्या आखिर दोनों शरारती लडके पकड़ में आ गये अब दोनों लडके जेल की हवा खा रहे हें दोस्तों इस घटना एन कहने को तो साधारण मारपिटाई का अमले हे लेकिन समाज की कायरता का नंगा स्चुरी भरी बस में इस तरह की हरकते करीब ४५ मिनट तक होती रहीं और किसी भी सवारी ड्राइवर कंडक्टर कोई बीच बचाव नहीं क्या इस मामले में सवारियां तो खेर नेतिकता की दोषी हें लेकिन ड्राइवर और कन्डक्टर के खिलाफ भी इस मामले में कार्यवाही होना चाहिए क्योंकि उन्होंने खुद का कृत्य नहीं निभाया हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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आप से सहमत हूँ। वास्तविकता यह है कि हमारा सामाजिक ढाँचा पूरी तरह समाप्त हो गया है।
जवाब देंहटाएंक्या एक आम आदमी के मामले भी पुलिस ऐसा ही करती...
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