तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
07 सितंबर 2010
स्वायत्त शासन मंत्री ने कोटा का हाल देख कर तीन इंजीनियरों को निलम्बित किया
कोटा के कोंग्रेस जिला अध्यक्ष , कोटा के विधायक और राजस्थान सरकार में गृह मंत्री स्वायत्त शासन शहरी विकास मंत्री ने कल लगातार भास्कर में छप रही खबरों से प्रभावित होकर शहर की सडकें और गंदगी के हालत का निरिक्षण किया, शहर की सडकों के निर्माण की ज़िम्मेदारी नगर विकास न्यास और नगर निगम की हे साथ ही साफ सफाई की ज़िम्मेदारी और आवारा मवेशियों को पकड़ने की ज़िम्मेदारी भी नगर निगम की हे , धारीवाल जी जब अपने अमले के साथ शहर की सडकों का निरिक्षण करने निकले तो वोह और उनके साथ गये अधिकारी गड्डों में सडकें तलाशते रहे लेकिन कई स्थानं पर सडकें मिली ही नहीं और गड्डों ने जनाब धारीवाल जी को भी तंग कर दिया चारों तरफ गंदगी के ढेर और बार बार उनकी कार के आगे आवारा जानवरों के आ जाने से उन्होंने शहर की नारकीय स्थिति से खुद आमना सामना क्या बस फिर क्या था आग बबूला न्त्री जी ने इसके लियें ज़िम्मेदार तीन अधिशासी अभियंता महेंद्र माथुर ,औ पी वर्मा,भूपेन्द्र माथुर को तुरंत निलम्बित कर जयपुर हाजरी देने के लियें निर्देशित क्या हे । इतना सब होने के बाद भी कोटा में सडकों का रख रखाव केसे हो , सफाई व्यवस्था केसे सुचारू हो और आवारा जानवरों की समस्या से केसे निजत पायें इस मामले में अभी भी महापोर या कोटा कलेक्टर नें कोई कारगर कदम नहीं उठाये हें देखते हें मंत्री जी के इस गुस्से से शहर की हालत सुधरती हे या नहीं वेसे तो शहर की इस दुर्दशा के लियें सीधे तोर पर नगर विकास न्यास के अध्यक्ष जो खुद कलेक्टर हें और नगर निगम की महापोर खुद रत्ना जेन हें लेकिन उनके लियें तो कहावत हे जब कोतवाल ही अपने हें तो फिर डर काहे का ? अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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