आपका-अख्तर खान

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07 सितंबर 2010

मेरे ब्लॉग भी हूए हजार

मेरे दोस्तों ,भाईयों,बहनों,माताओं,बुजुर्गों ,दुश्मनों आज मुझे आप लोगो के आशीर्वाद से पुरे एक हजार ब्लॉग लिख कर ह्जार्र ब्लोगर्स यूनियन में शामिल होने का अवसर मिला हे , आज का दिन मेरे लियें रमजान का महीना, शबे कद्र इबादत की रात,और जन्माष्टमी का अवसर होने से मेरी ख़ुशी का एहसास और बढा देता हे । मेरे दोस्तों बुजुर्गों मेने अप्रेल महीने में ब्लॉग लिखने की शुरुआत की थी में हिंदी टाइपिंग का थोडा भी जानकार नहीं हूँ ब्लॉग ट्रान्सलेशन की सुविधा का मेने फायदा उठाया और लिखना शुरू कर दिया मुझे ब्लॉग लिखने और पोस्ट करने के अलावा बहुत कुछ नहीं आता हे उझे यह भी पता नहीं की ब्लॉग को चिट्ठा जगत, ब्लोग्वानी और दुसरे ब्लॉग पर रजिस्ट्रेशन कराने की क्या प्रक्रिया हे इसीलियें मेरा ब्लॉग सिर्फ फोलोवर्स साथियों के भरोसे चला लेकिन मुझे गर हे के चार माह के इस सफर में मेरा ब्लोगर की दुनिया के सभी साथियों ने दिल से साथ दिया कुछ एक अहंकारी लोगों को अगर छोड़ दें तो अधिकतम लोगों भाइयों और बहनों का मुझे आशीर्वाद मिला उन्होंने मेरा कदम कदम पर उत्साहवर्द्धन और मार्गदर्शन किया कुछ लोगों ने तो मेरी गलती पर मुझे डाट भी लगाई मुझे बुरा नहीं लगा में एक अकेला खुशनसीब था जिसे इस ब्लोगर की दुनिया में जब महाभारत छिड़ा था एक दुसरे को नीचा दिखाने की बीमारी का सिंड्रोम ब्लोगर दुनिया में फेल गया था कुछ लोग ब्लोगर की दुनिया में भन्न का अपमान कर रहे तहे तो कुछ अपनी फितरत के मुताबिक इस दुनिया में साम्प्रदायिकता की गंदगी फेला रहे थे लेकिन यह ब्लोगर की डी उनिया अब दश का पांचवां स्तम्भ बन गया हे और इसे प्रित्न मिडिया ने भी अहमियत देना शुरू कर दिया हे में जानता हूँ के अपने इन हजार ब्लोगों में मेने लाखों गलतियाँ की हें लेकिन मेरा जूनून हे जो मुझे रमजान के महीने में पुरे एक हजार ब्लॉग का आंकड़ा पार करने की जिद पैदा किये हूए था दोस्तों मेने अपनी वकालत के वक्त में से काफी कुछ वक्त इस ब्लोगर की दुनिया के लियें चुराया और कच्चे पक्के ब्लॉग लिखने की शुरुआत कर कुछ बहुत बहुत अच्छे ब्लॉग भी लिखे हें में अपने मुंह मिया मिट्ठू बनना नहीं चाहता मेरे साथिग्द इस चचाई को शायद जानते हें , मेरी मेरे साथियों से अपील हे के इस ब्लोगर की दुनिया में छोटा बढा ,अपना पराया,अमीर गरीब,हिन्दू मुस्लिम, हिंदी भाषी गेर हिन्दीभाषी का विवाद छोड़ कर इस दुनिया को खुबसूरत बनाये इस परिवार को भाईचारे सदभावना की खाद से सींच कर स्वर्ग बना डालें , मेने हजार ब्लॉग जब लिखे तब एक मोलवी हजार मोतियों वाली माला लेकर खुदा का नाम लेने के लियें जब पढाई कर रहे थे तो उन्होंने कहा के में हज़ा पढ़ रहा हूँ यानी खुदा का नाम हजार बार लेने की मालाएं भी बनी हें और इसे गिन कर नाम लेने की प्रक्रिया को हजारा पढना कहते हें मेने सोचा चलो मेने भी ब्लॉग की दुनिया में सेंचुरी लगाकर हजारा पढने की नहीं तो हजार ब्लॉग लिखने की हसरत तो पूरी कर ली और में इस मोके पर खुदा का शुक्र भी अदा करूंगा क्योंकि खुदा ने मुझे ताकत दी जिंदगी दी लिखने का एहसास दिया और आप जेसे प्यारे प्यारे बहन भाई दोस्त दुश्मन माताएं बुजुर्गों का साथ दिया नहीं तो जिंदगी तो चिराग हे खड़ा कब इसे बुझा देता और हसरत दिल की दिल में रह जाती । मेरी फ़ालतू की बकवास आपने धेर्य और नीम से पढ़ी इसके लियें भी में आपका शुक्रगुज़ार हूँ । अख्तर कहां अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. bahut.. bahut badhai....subhkaamanaaye... blog ki jagah post kar den to jyaadaa achhaa lagegaa.

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  2. arvind bhaayi bhut bhut shukriya himmt afzaayi ke liyen men aapka shukrguzaar hun . akhtar khan akela kota rajsthna

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  3. भई मुबारक हो हजारा बनने की। हजार बार पाक दिल से लिखा, बिना किसी का दिल दुखाए, तो रमजान के महीने में ये भी कम इबादत नहीं, कम सेवा नहीं उस परवरदिगार कि जिसने इस संसार में भेजा। कोई भी काम सच्चे दिल से किया जाए, किसी को नुकसान न पहुंचाने के मकसद से, तो वो भी किसी पूजा से कम नहीं।

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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

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