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07 सितंबर 2010

मीडिया में सरकारी लोगों के आने से चापलूसी बढ़ी

राजस्थान के मीडिया खासकर इलेक्ट्रोनिक मीडिया में रिटायर्ड अधिकारी के आने से चापलूसी चमचागिरी की खबरों में बदोतरी हुई हे हालत यह हें के रोज़ मंत्रियों और अधिकारीयों की बिना किसी बजह के तारीफे देखते देखते कम से कम इ टी वी पर तो जनता को उबकाई आने लगी हे । इ टी वी राजस्थान राजस्थान में बहतरीन प्रदर्शन कर रहा था लेकिन अचानक अप्रत्याशित तरीके से सेवानिव्रत्त आर ऐ एस जो बाद में पदोन्नति होकर आई ऐ एस से सेवानिव्रत्त हुए उनके इस इलेक्ट्रोनिक मिडिया के इंचार्ज बन जाने से मिडिया में रोज़ मर्रा अधिकारीयों और मंत्रियों मुख्यमंत्री की बिना कुछ करे तारीफें शुरू कर दी जाती हें ब्रेर्किंग न्यूज़ के नाम पर इनकी तारीफें इस हद तक बढ़ जाती हें के आखिर दर्शक को चेनल पलटना ही पढ़ता हे कहते हें के इन्सान अपना मूल स्वभाव नहीं बदलता हे और अधिकारी कर्मचारी का जीवन नेताओं और मंत्रियों को यस सर यस सर करता हुआ गुजरता हे ऐसे हालातों में उसे एक सच उजागर कर जनता को इंसाफ की ज़िम्मेदारी भी दी जाती हे तो फिर भी वोह मंत्रियों और सरकार और सरकार के नुमैन्दों के आगे यस सर यस सर ही करेगा इससे चाहे वोह अपने चेनल के लियें व्यापार ले ले लेकिन जनता को तो कोई लाभ नहीं मिल रहा हे सरकार को उसके विभागों के भ्रस्ताचार,अनियमितताओं की खबरें नहीं मिल रही हे सरकार को तो सिर्फ यह दिखया जा रहा हे के सरकार जो कर रही हे वही सही हे और जनता सरकार को भगवान मान रही हे बस यही सरकार के ताबूत में आखरी कील ठोकने के समान हे और पत्रकारिता के मूल्य सिद्धांतों की तो इन्होने ऐसी की तेसी कर के रख ही दी हे वेसे भी आज के माहोल में पत्रकारिता की बात करना एक सपना सा लगता हे जो आज के युग में इतिहास का हिस्सा बन गयी हे। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

  1. सरकारी शब्द में ही कोई खराबी है.. १००१वीं पोस्ट पर बधाई भाई..

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