सुबह सवेरे
सूरज की
रौशनी की तरह
नई सुबह
की तरह
में
तेरी जिंदगी में
चला आउंगा ,
अँधेरे जो भी पाले हें तुने '
मेरी रौशनी से
उन्हें दूर बहुत दूर
कर जाउंगा
में तो चल दिया था बस
अंधेरा देखा
घर में तेरे
सोचा
जरा रुक लूँ
रौशनी तो करदूं
रोशन होगा
घर जब तेरा
बस फिर में
खुद ही तेरी
जिंदगी
से चला जाउंगा ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
17 सितंबर 2010
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बहुत अच्छी कविता।
जवाब देंहटाएंdarkness is merely an absence of light....
जवाब देंहटाएंअँधेरे जो भी पाले हें तुने '
मेरी रौशनी से
उन्हें दूर बहुत दूर
कर जाउंगा
nicely expressed!
subhkamnayen:)