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11 सितंबर 2010

कोटा में आवारा मवेशियों के मामले में नगर निगम असफल

कोटा में सडकों पर रोज़ दुर्घटना करने वाले आवारा मवेशियों के मामले में कोटा के न्यायालय के आदेशों के बावजूद भी नगर निगम गम्भीर नहीं हे जबकि पिछले दिनों राजस्थान सरकार के मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने कोटा शहर की सडकों पर निरिक्षण के दोरान महापोर को साफ़ शब्दों में कहा था के ऐसे नहीं चलेगा और चेतावनी देते हुए ३० सितम्बर तक कोटा की सडकों से आवारा जानवरों को हटाने की डेड लाइन दी थी । इन सब के बावजूद भी कोटा नगर निगम में करीब सो से भी अधिक कर्मचारी आवारा जानवरों को पकड़ने के लियें नियुक्त हें लेकिन यहाँ जानवर पकड़ने के लियें एक मात्र काऊ केचर हे जिससे आवारा जानवरों को पकड़ने के लियें इसे निजी ठेकेदार को देने के बाद निगम के पास कुछ साधन नहीं हे , निगम के पास खुद के कर्मचारी वाहन और साधन होने के बाद भी ठेकेदार को एक जानवर पकड़ने के लियें १६१ रूपये दिए जाने का अनुबंध किया गया हे , ताज्जुब इस बात पर हे के इतना सब कच होने पर भी कोटा निगम की महापोर इस मामले में गम्भीर नहीं हें और शहर के हालत दिन बा दिन बिगड़ते जा रहे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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