तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 सितंबर 2010
भारतेंदु की १६४विन जयंती कोटा में मनाई
प्रसिद्ध की और साहित्यकार स्वर्गीय भारतेंदु हरीश चन्द्र की १६० वीं जयंती कोटा में साहित्यकारों ने उत्साहपूर्वक मनाई कोटा एक मात्र ऐसा स्थान हे जहां भारतेंदु हरिश्चन्द्र के नाम से साहित्यकारों की एक बहुत बढ़ी संस्था हे जिसके पास अपना विधान ,कानून हे और अपना भवन हे जिसके किराये से आमदनी भी होती हे लेकिन गेर साहित्यकारों ने इस संस्था पर अपना कब्जा जमा लेने से पिछले कई सालों से यहाँ की साहित्यक विधा खत्म होने लगी हे , हल ही में निर्वाचित राजेश कृष्ण बिडला ने भारतेंदु समिति में भारतेंदु जी की १६० वीं जयंती मनाई इस अवसर पर एक हाडोती के साहित्यकार धन्नालाल सुमन जो काफी समय से बिमार थे उन्हें आर्थिक मदद भी दी गयी , भारतेंदु समिति कोटा वेसे तो एक वक्त राजस्थान ही नहीं देश भर में साहित्यिक गतिविधियों के लियें विख्यात रही हे लेकिन अब यहाँ हालात ब्ग्दने लगे हें और साहित्यिक माहोल ठंडा सा पढने लगा हे सब लोग अपनी अपनी दुकाने अलग अलग खोल कर बेठे हें । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)