ऐ मेरे देश के
लीडरों
दिल बहलाने को
यह झुंटे और सच्चे
बयाना रहने दो ,
बस हो गया बहुत
अब बंद
अपनी जुबां
रहने दो ,
राजनीति और धर्म के नाम पर
मेरी बस्तियों को
उजाड़ने वालों
बस हो चुका बहुत
अब मेरी
उजाड़ बस्तियों के
निशाँ तो रहने दो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
24 सितंबर 2010
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शानदार...
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर मगर हेडिंग होनी चाहिए थी ; ऐ मेरे देश के गीदड़ों !
जवाब देंहटाएंराजनीति और धर्म के नाम पर
जवाब देंहटाएंमेरी बस्तियों को
उजाड़ने वालों
बस हो चुका बहुत
अब मेरी
उजाड़ बस्तियों के
निशाँ तो रहने दो ।
Bahut hi kam shabdon men apne bahut kuchh kah diya is rachna men ---hardik shubhkamnayen.