आपका-अख्तर खान

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24 सितंबर 2010

ऐ मेरे देश के लीडरों

ऐ मेरे देश के
लीडरों
दिल बहलाने को
यह झुंटे और सच्चे
बयाना रहने दो ,
बस हो गया बहुत
अब बंद
अपनी जुबां
रहने दो ,
राजनीति और धर्म के नाम पर
मेरी बस्तियों को
उजाड़ने वालों
बस हो चुका बहुत
अब मेरी
उजाड़ बस्तियों के
निशाँ तो रहने दो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर मगर हेडिंग होनी चाहिए थी ; ऐ मेरे देश के गीदड़ों !

    जवाब देंहटाएं
  2. राजनीति और धर्म के नाम पर
    मेरी बस्तियों को
    उजाड़ने वालों
    बस हो चुका बहुत
    अब मेरी
    उजाड़ बस्तियों के
    निशाँ तो रहने दो ।
    Bahut hi kam shabdon men apne bahut kuchh kah diya is rachna men ---hardik shubhkamnayen.

    जवाब देंहटाएं

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