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24 सितंबर 2010

हाँ में भी हिन्दुस्तानी हूँ


देखो तुम अमीर हो

अपना पेट भर लोगे

सोचो जरा

में भी

हिन्दुस्तानी हूँ

दिन मेने भूख में काटी

रात को देखे रोटी के सपने

रोटी के लियें

में अगर

चोरी भी कर लूँ

तो तुम क्या कर लोगे ।

सुनो मेरी भी सुनो

हाँ में भी हिन्दुस्तानी हूँ

जो कुत्ते तुम्हारे हें

देखो वोह बिस्किट खाते हें

तुम्हे प्यारे हें

तुम्हारे कुत्ते

इसीलियें तुम उन्हें महंगे खाने खिलाकर

उनका पेट भर लोगे

बच्चे मेरे हें

मुझे मजदूरी नहीं मिली हे

भूख से तडपते बच्चे बिलखते हें रोते हें

ऐसे में

में अगर

तुम्हें लुट भी लूँ

तो तुम क्या कर लोगे

यह देश तुम्हारा हे मेरा हे

मुझ गरीब के लियें जो बनी थी योजनायें

उन्हीं में से तो

बजट में गडबडी कर

भरे हें घर तुमने अपने

शिकायत की मेने मंत्रियों से

फिर भी कुछ ना बिगड़ा तुम्हारा

जो पैसा था

कहां हम तक पहुंचा हमारा

ऐसे में

में अगर

तुम से मेरा हक छीन लूँ

तो तुम क्या कर लोगे ।

प्रधान मंत्री हो चाहे हो मुख्यमंत्री

सभी तो कहते हें

अमीरों जो हे तुम्हारे पास

सब कुछ

हिस्सा हे हमारा

वोह सरकार में बेठ कर भी तो

सिर्फ तुम्हारी सच्चाई कहते हें

अकेले में हमारी शिकायतें

सुनने के नाम पर

तुम्हारे साथ बेठ कर कोफ़ी पीते हें

ऐसे में

तुमसे अपना सब कुछ लेने के लियें

हम अगर कोहराम भी मचा दें

तो तुम हमारा क्या कर लोगे।

अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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