गिरता हुआ
मेरे इस देश का किरदार
तुम उठा लो
ऐ मेरे देश के लोगों
बस तुम
तकलीफ
यह एक बार
और उठा लो ,
नफरत के बदले
प्यार बांटते चलो
जो भड़काएं आपको
बस सरे राह
उन्हें डांटते चलो।
में अमन की बात
तुम से कहता हूँ
ज़ालिम कुर्सी और धर्मा के नाम पर
चंदे के लालचियों की तरह
नहीं कहता हूँ
तुम से
के अमन खत्म करने के लियें
साम्प्रदायिकता की तलवार उठा लो
अपना किरदार
थोडा तो उठाओं
अमन के दुश्मन
जो छुपे बेठे हें नकाबों में
उनके चेहरे से
इस देश को बचाने के लियें
एक बार फिर से
नकाब तो उठा लो ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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