यह क्या हुआ
अभी तो
उसके होंटों पर
हंसी और तबस्सुम थी
फिर अचानक
यह क्या हुआ
के वोह
जारो कतार रोया हे।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
25 सितंबर 2010
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शायद आजकल के हालात देख कर। इस जमाने मे हंसने जैसा भी क्या है ।आभार्।
जवाब देंहटाएंकब कौन रो देगा..कहा नहीं जा सकता..हालात जटिल हैं.
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