आँखों में
नमी सी हे
चेह पे उदासी हे
लगता हे
मेरी दुनिया
अब मुझ से
खफा सी हे
यह केसा शहर
हे मेरा
हर रोज़ नये फितने
हर रोज़ सितम ताज़ा
यह हालात
बस एक वोट
ठीक तरह से
नहीं देने की
सजा सी हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
01 सितंबर 2010
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सच कहा आपने एक वोट देने और ना देने की भी सजा हम सब भुगत रहे हैं.
जवाब देंहटाएंएक वोट ही तो है जो हमारी ताकत है उसका इस्तेमाल सही ढंग से होना चाहिये ।
जवाब देंहटाएंबहुत सटीक ....सोचने पर मजबूर करती हुई
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