तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 सितंबर 2010
में कितना खुश हूँ
में कितना खुश हूँ
तेरे जाने के बाद
आ ,
जरा आकर तो देख ,
तुने सोचा था
मर जाउगा तेरे बगेर
देख
कितनी तितलियाँ हें
मेरे आगे पीछे
जरा आकर तो देख ,
तेरी ही सदा थी
मेरे दिल और दिमाग में
एक दिन
तू चली गयी तो क्या
मुझ से
सदायें कई और टकराई हें
कितने खुबसुरत
बने हें
पत्थर के बुत
मेरे महबूब
आ जरा
आकर तो देख ,
तू जहां थी
वहीं आज भी हे
नफरत और कडवाहट
तेरे जहन में आज भी हे
शक का
वहम हे
आज भी तेरे जहन में
तू जल रही हे
तू पिघल रही हे
मोम की तरह
में आज भी खुश हूँ
में आज भी मुस्कुराता हूँ
आ देख
जरा आकर तो देख।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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bahut pyaaree kavita...
जवाब देंहटाएंनफरत और कडवाहट
तेरे जहन में आज भी हे
शक का
वहम हे
आज भी तेरे जहन में
तू जल रही हे
तू पिघल रही हे
मोम की तरह
में आज भी खुश हूँ
में आज भी मुस्कुराता हूँ
best lines...