तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
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10 अगस्त 2010
वोह गलत कहते हे के वोह रोये
वोह कहते हें पास से जब वोह मेरे गुज़रे बहुत रोये हें , में कहता हूँ पास से गुज़रे और उन्होंने हाल तक ना पूंछा मेरा बताओ में केसे मान लूँ के वोह दूर जाकर रोये , ज़मीं पर जो गिरे हें शबनम के कतरे यह उनके अश्क नहीं हें मेरे इश्क के टुकड़े। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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