आपका-अख्तर खान

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10 अगस्त 2010

दुनिया जो चाहती थी वही बात हो गयी


आज तुम
मुझ से दूर हो
कोई बात नहीं ,
बंद हो गयीं
तुम्हारी मेरी मुलाकातें
अफ़सोस इसका भी नहीं ,
बस कोई और बात नहीं
मुझे इसी का अफ़सोस हे
के चाहती रही हे जो दुनिया
देखो ना
आज वही बात हो गयी हे
में अलग तू अलग
आँख में आंसू तेरे
होटों पे सिसकियाँ मेरे
खुश होने लगे हें लोग देख
क्यूंकि झगड़े हें
तेरे और मेरे
चल खुदा का शुक्र हे
लोगों को खुश करने का
एक काम तो तेरे गम ने कर डाला
वना लोग कहते हें
तुने तो मुझे मार ही डाला
देख दुनिया कितनी खुश हे
क्यूंकि दुनिया जो चाहती थी
वही बात आज हो गयी।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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