तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
13 अगस्त 2010
तेरा मिलन
तेरा मिलन मुझसे
हो या ना हो
हम तेरा इन्तिज़ार
कर लेंगे
जिंदगी गुजर भी गयी
तेरे मिलन के इन्तिज़ार में
तो गम नहीं
गम रहेगा तो बस एक बात का
तेरे इन्तिज़ार के लियें
मिली जिंदगी बहुत कम
वरना हम
तुझ से मिलन को
और इन्तिज़ार करते
मगर यह कमबख्त जिंदगी
भी तो
तेरी तरह ही बेवफा निकली
जो मन्झ धार में साथ छोड़ गयी ।
.....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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