तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 अगस्त 2010
महंगाई से केंद्र ने पल्ला झाड़ा
दोस्तों आज़ादी से आज तक किया आपने इतनी बेशर्म ,बेहया, सरकार देखी हे जो अपने किये पर पछताने के बदले दूसरों को दोषी ठहराती फिरे लेकिन यह बदनसीबी हमारे नसीब में थी हमने ऐसी मुख पर कालिख पुती सरकार देखी हे जो सारे पाप करने के बाद भी खुद को साफ़ सुथरा समझती हे, महंगाई के मामले में बहस के दोरान केंद्र सरकार ने महंगाई क्यूँ भी इसके पीछे मूल कर्ण किया हें इसे कम करने और रोकने के लियें किया कदम उठाना चाहियें इस पर तो बहस नहीं की इस पर अपना निर्णय नहीं दिया लेकिन सीधे बस एक बात के महंगाई का केंद्र सरकार से किया लेना देना यह तो राज्यसरकारों की भी ज़िम्मेदारी हे अजीब हास्यास्पद जवाब हे दोस्तों लगता हे केंद्र सरकार के जानकारों ने देश का संविधान नहीं पढ़ा हे और यही वजह रही हे के वोह संसद में शपथ लेकर जनता को गुमराह करने वाली कार्यवाही कर रहे हें जो देश के संविधान और शपथ अधिनियम का कहा उल्न्न्घन हे लेकिन जब सरकार सेटिंग की हो और विरोधियों की सरकार के साथ मिली जुली कुश्ती हो तो फिर इस देश और देश के गरीबों का क्या हो सकता हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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ab to garibon ka bhagvan hi malik hai.
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