तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
04 अगस्त 2010
वित्तीय संस्थानों से वित्तन्त्री भी दुखी
देश में सरकार ने वित्तीय संस्थाओं को इतना सर चढा लिया हे के यह संस्थाएं लोगों को ठगने के लियें अपने लुभावने जाल फेलाने से बाज़ नहीं आ रही हें अब तो इनकी हिम्मत इतनी हे के वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी को चलती हुई संसद में फोन करके होम लोन देने की बात करते हें देश के सबसे अमीर आदमी अम्बानी को होम लोन देने की बात करते हें , वित्तमंत्री को फोन पर संसद में लोन देने की इस घटना ने देश का शर्म सर से झुका दिया हे पहली बात तो संसद में जब महत्वपूर्ण बहस हो रही हे तो फिर मोबाइल फोन वहां नहीं होना चाहिए दूसरी बात अगर किसी का फोन वहां आया भी था तो महत्वपूर्ण बहस छोड़ कर वित्तमंत्री प्रणव मुखर्जी को फोन अटेंड नहीं करना चाहिए था , और फोन अटेंड कर लिया था तो जिस कपनी से फोन आया हे उस कम्पनी के खिलाफ संसद में कार्यवाही की घोषणा करना चाहिए थी , दोस्तों आज सरकार द्वारा छुट देने पर ही वित्त कम्पनिया लुट खसोट कर रही हें और आम आदमी अआतं हत्या के दोर से गुजर रहा हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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