तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
28 अगस्त 2010
योजना आयोग पर अंडे टमाटर
देश में लगातार योजनाये असफल होने से महंगाई चरम सीमा पर हे केंद्र सरकार और मंत्रियों पर योजना आयोग का कोई दबाव नहीं हे जिसकी मर्जी में जो आ रहा हे वोह बकवास कर रहा हे नतीजन देश में आर्थिक स्थिति और आवश्यक वस्तुओं के दाम गडबडा गये हें और आम आदमी का जीना दुश्वार हो गया हे इस योजना आयोग की योजना में अगर कोई मे कर रहे हं तो वोह बस मंत्री,अधिकारी,मुनाफाखोर और मिलावट खोर हें , कुल मिला कर योजना आयोग की योजनाये देश में धरी रह गयीं और ऐसा लगने लगा के देश में केसे महंगाई बढ़े केसे लुट मचे केसे गरीबी बढ़े और केसे गोदामों में अनाज सदें बस इसी मेल में योजनायें बनी हें, कल इसी बात से नाराज़ होकर कलकत्ता के छात्र छात्राओं ने योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह आहुली वालिया पर महंगाई और योजनाओं के असफल होने से गुस्सा होकर उन पर सड़े अंडे टमाटर फेंके , कलकत्ता के छात्रों का गुस्सा वाजिब हे और उनका टार्गेट भी सही हे क्योंकि अगर योजनाये ऐसी बनती हें जिनके कल में सिर्फ और सिर्फ महंगाई ही बढ़े तो हमे ऐसे किसी भी योजना आयोग की कोई जरूरत नहीं हे , मोंटेक सिंह आहलुवालिया ने भी अदने टमाटर की बारिश के बाद शायद अंदर से यही एहसास किया हे के महंगाई नियन्त्रण में वोह खुद और उनका देश , देश के नेता पूरी तरह से असफल रहे हें , शायद इसीलियें उन्होंने छात्रों के गुस्से को जायज़ ठराया हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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