वोह जिन्हें
गुरुर हे अपनी
खूबसूरती का
बताओ तो सही
कल से पहले
उन्हें
कोन जानता था
वोह तो
दुआ दो
मेरी दीवानगी को
जो
उन्हें आज
जमाना जानता हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए बहुत बहुत आभार.
जवाब देंहटाएंसार्थक और बेहद खूबसूरत,प्रभावी,उम्दा रचना है..शुभकामनाएं।
जवाब देंहटाएंये बात!! गज़ब दीवानगी है साहेब!! :)
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