आपका-अख्तर खान

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25 अगस्त 2010

मुझे फिर से रोको यारों

फितने से बचने की
मुझे सीख देने वालों ,
देखो
में तो आज भी
सुधरा हुआ हूँ
उन्हें समझाओ
वोह फिर
मुड मुड कर
मुझे देखते हें
शरारत भरी नजर से
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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