बुझा दिए मेने
रात के अँधेरे में
टीम टिमाते चिराग
झील मिलाते अँधेरे में
यादें उनकी नहीं होती थीं ताज़ा
इसीलियें कर दिया अँधेरा मेने ।
सुबह हुई तो
मेरे दिल ने यह कहा
हसीन यादों की शमा
फिर से जला डालो
दफन हें मेरे सिने में
यादें आज भी उनकी ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
30 अगस्त 2010
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अच्छी कविता लिखी है आपने .......... आभार
जवाब देंहटाएंकुछ लिखा है, शायद आपको पसंद आये --
(क्या आप को पता है की आपका अगला जन्म कहा होगा ?)
http://oshotheone.blogspot.com
सुन्दर भावपूर्ण रचना...बधाई...
जवाब देंहटाएंनीरज
हसीन यादों की शमा
जवाब देंहटाएंफिर से जला डालो
दफन हें मेरे सिने में
यादें आज भी उनकी ।
" सच है न, यादे कहाँ पीछा छोडती हैं, दफ़न रहती हैं आस पास कहीं.....बस यूँही.."
regards