आपका-अख्तर खान

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30 अगस्त 2010

आप तो पागल नहीं हे


अमेरिका को
रिसर्च के लियें
कुछ भारतीय
पागलों की जरूरत थी ।
अमेरिका ने मनमोहन जी से सम्पर्क किया
मनमोहन जी बहुत खुश हुए
बोले भाई
इस काम के लियें तो
में और मेरा मंत्रिमंडल ही ठीक हे
खेर मनमोहन जी के साथ छांट कर
सभी मंत्रियों को विशेष विमान से
दिल्ली हवाई अड्डे से
अमेरिका के लियें रवाना किया ,
थोड़ी देर बाद
हवाई जहाज़ हवा में जब डगमगाने लगा
तो पायलेट ने आकर देखा
सभी मंत्री
लोकसभा की तरह
जूतम पैजार में लगे थे और इसी उहापोह में
हवाई जहाज़ बार बार हिल रहा था
हलते हवाई जहाज़ से
दुर्घटना का खतरा देख
पायलेट ने मनमोहन जी को चुप बता देख कहा
मनमोहन जी आप तो समझदार हें
इन्हें समझाएं
हवाई जहाज़ में लोकसभा का हंगामा चला
तो हवाई जहाज़ गिर जाएगा और कोई नहीं बचेगा
खामोश बेठे मनमोहन जी उठे
उन्होंने इशारे से पायलेट को
सब कुछ ठीक करने का आश्वासन दिया
थोड़ी देर में पायलेट फिर
कोक्पिट से विमान में आया
हवाई जहाज़ में खामोशी थी
हंगामा बंद था
एक सीट पर मनमोहन जी खामोश बेठे थे
पायलेट ने कहा
मनमोहन जी आपने अच्चा करा सबको समझा दिया
वरना लोकसभा हवाई जहाज़ में चलती तो
हवाई जहाज़ क्रेश हो जाता और सब मारे जाते
पायलेट ने पूंछा
मनमोहन जी आपने यह सब ठीक करने के लियें
किया जादू किया
शांत स्वभाव से मनमोहन जी उठे
और पायलेट से कहा
भाई मेने सभी को समझाया
और दरवाज़ा खोल कर कहां
हवाई जहाज़ लोकसभा लगाने की जगह नहीं हे
अगर यही सब करना हे तो बाहर जाकर करो
बस सबने दरवाज़ा खोला
और एक एक करके बाहर चले गये
अब हवाई जहाज़ में शान्ति हें ना
पायलेट ने सोचा
मनमोहन जी काश ऐसी शांति
आपके भारत देश में भी हो जाए
और भारत बर्बाद होने से बच जाए।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

1 टिप्पणी:

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