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25 अगस्त 2010

एक कोंग्रेस की पिटाई एक भाजपा की पिटाई

दोस्तों मुझे कल कोंग्रेस में राजस्थान कोंग्रेस प्रवक्ता पंकज मेहता के साथ कोटा पुलिस की बर्बर धक्कामुक्की और गाली गलोंच पर भाजपा और कोंग्रेस के शासन का फर्क क्या हे इस मामले में सोचने पर मजबूर होना पढ़ा हे , मेरिया राय में भाजपा नोकर शाहों से थोक कर काम भी लेती हे और अवसर मिलने पर भाजपा कार्यकर्ताओं से अभद्रता करने पर वोह अधिकारियों को अनुशासन की धुल भी चटाती हे ,लेकिन ठीक इसके विपरीत कोंग्रेस सरकार के मंत्री अधिकारीयों के मुक्क़ब्ले कोंगर्स कार्यकर्ताओं को अधिकारीयों से बे इज्जत करवाते हें और फिर उन्हें दंडित करने की जगह प्रोत्साहित करते हें कई बार तो ऐसा लगता हे के कोंग्रेस के शासन में लगे अधिकारी कोंग्रेस के मंत्रियों और वरिष्ठ लोगों को ब्लेकमेल करते हें और यह वजह रहती हे के आज तक कोंग्रेस काल में किसी बदतमीज़ अधिकाई का कुछ नहीं बिगड़ा हे यहाँ के अहिकारी तो मंत्री तक से बदतमीजी कर देते हें अजमेर में चिकित्सा राज्य मंत्री की साथ डॉक्टरों ने बदतमीजी की तो कोटा के डेरी प्रबन्धक सिंह ने खाध्य आपूर्ति मंत्री के साथ बद तमीजी की लेकिन उनका कुछ ख़ास नहीं बिगड़ पाया हे ।
दोस्तों कल छात्रों पर कोटा में पुलिस ने निशाना बना कर प्राण घातक हमला करते हुए लाथिवार किया जिसें छात्र कोंग्रेस के प्रत्याक्षी कोंग्रेस के पदाधिकारी रामेश्वर सुन्वाल्का के गम्भीर चोटें आयीं घायल कोंग्रेसियों से जब प्रदेश कोंग्रेस प्रवक्ता पंकज मेहता मिलने जाने लगे तो कोटा पुलिस ने अधिकारियों के निर्देश पर उनके साथ खुल कर बदतमीजी और गाली गलोच की ऐसा लग रहा था के कोटा पुलिस किसी कोंग्रेस के स्थापित प्रदेश नेता से नहीं अपराधी से बात कर रही हो पुलिस ने उनके साथ धक्का मुक्की और अभद्रता का कुला नंगा नाच किया ,इस मामले की जानाकारी पंकज मेहता ने कोटा के वरिष्ट पुलिस अधिकारियों, मुख्यमंत्री कार्यालय को दी लेकिएँ इस गम्भीर घटना के बाद भी माला लीपापोती का ही रहा , पुलिस अधिकारी जहां थे वहीं हें और कोंग्रेस की छाती पर मुंग दल रहे हें , इतना ही नहीं वरिष्ट अधिकारी पंकज मेहता की बात को झुटला रहे , तो जनाब यह हे कोंग्रेस की सरकार जहां अधिकारीयों से कोंग्रेस के वरिष्ट नेता ब्लेकमेल होते हें और अधिकारियों के इशारे पर कत्थक करते हें ।
दोस्तों एक किस्सा तो कोंग्रेस के काल का हे जहां कोंग्रेस को शर्मसार होने के अलावा कुछ नहीं हे लेकिन गत दिनों भाजपा शसन में इसी तरह की दो बढ़ी घटनाए हुई थी एक भवानी सिंह समर्थित पार्षद अमिन पठान के साथ आई ऐ एस समित शर्मा द्वारा अभद्रता करने का मामला हे जिसकी शिकायत मुख्यंत्री कार्यालय में की गयी और एक घंटे बाद समित शर्मा को भाजपा कार्यकर्ता का अपमान करने पर सजा के तोर पर कोटा से हटा दिया गया भाइयों इस मामले में तो अतिक्रमण का झंझट था और जिस भाजपा कार्यकर्ता की शिकायत थी वोह हिस्ट्री शीटर था , दुसरा मामले भाजपा के ओम बिरला समर्थकों का हे जहां किशोरपुरा इलाके में भाजपा के निजामुद्दीन बब्लू सहित कुछ लोगों को पुलिस और प्रशासन ने रोक कर लाठिवार किया था इस घटना की सुचना भी मुख्यमंत्री कार्यालय को दी गयी और आधे घंटे में तात्कालिक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और ऐ डी एम सिटी को बे आबरू कर हटा दिया गया यह सब छोटे कार्यकर्ता थे जिनके मामले में भाजपा शासन में इतने कठोर निर्णय हुए लेकिन कोंग्रेस के प्रवक्ता जिला कोंग्रेस अध्यक्ष रहे हें वोह प्रदेश के पदाधिकारी हे उनके साथ इतनी बढ़ी अभरता होने पर भी सरकारं और मुख्यमंत्री कार्यालय ने कोई कार्यवाही नहीं की कोंग्रेस के लियें शर्मनाक बात हे दोस्तों इससे तो स्पष्ट हो गया हे के कोंग्रेस कार्यकर्ताओं का कोटा में और राजस्थान सरकार में कोई धनी धोरी नहीं हे ऐसा लगता हे के बेचारे अनाथ का जीवन जी रहे हें और जिस अधिकारी की मर्जी पढ़े वोह उन्हें अपमानित कर सकता हे उसका कुछ नहीं बिगड़ेगा। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

2 टिप्‍पणियां:

  1. यदि कांग्रेस कार्यकर्ताओं में यह सोच बनती है तो कांग्रेस का पतन इस क्षेत्र में फिर से निश्चित है।

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  2. bahut vicharaneey lekh.....yah baat congress ke liye sharmanaak hai.

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