आपका-अख्तर खान

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26 अगस्त 2010

तेरे लियें खून किये हें


तुझे पता हे
मेरे हाथ खून से
सने हें
सिर्फ तुझे पाने के लियें,
शुक्र हे खुदा का
आज
तू मुझे
मिल गयी हे
लेकिन खुदा
यह किया हे
बाद मिलन के उससे
में अपने ही हाथों
अपना खून
किये जा रहा हूँ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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