ख़ुशी जिंदिगी में
जो भी खोजेगा
दोलत उसे मिल जायेगी,
हंसी जिंदगी में
जो खोजेगा
जिंदगी उसकी
गुलशन बन जायेगी ,
मगर
प्यार जिंदगी में
जो भी खोजने चलेगा
वोह इस दुनिया में
ना तन ले कर लोटेगा
ना मन लेकर लोटेगा ,
यह नसीहत हे
एक अजीब सी
क्यूंकि लोग कहते हें
प्यार जिसे भी मिला
उनकी जिंदगी फिरदोस होती हे
कहते हे लोग
तो कहने दो
मेने तो सहा हे
इसीलियें दावे से कहता हूँ
प्यार खोजने वालों की जिंदगी
सिर्फ और सिर्फ बदनसीब होती हे .....
.......................... अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान ...........
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
08 अगस्त 2010
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अपने मनोभावों को बहुत सुन्दर शब्द दिए हैं....भाव पूर्ण रचना है। बधाई।
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