तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अगस्त 2010
तडपती जिंदगी
जिंदगी मेरी
याद में उनकी
सिसकती रही
जिंदगी मेरी
याद में उनकी
तडपती रही
इसे देख कर
जब वोह
मुस्कुराते रहे
तो बस
मेने भी
बुलाया कातिल को
और बड़े गुरुर से
यह कहा
के जिंदगी आ
इन्तिज़ार से
बेहतर तो यह हे
के में तुझे
कातिल के हवाले
कर दूँ
बस इतना कहने से
हंसी उनकी ख़ुशी उनकी
चेहरे से
काफूर हो गयी। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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जिंदगी मेरी
जवाब देंहटाएंयाद में उनकी
सिसकती रही
bahut acchhi rachna.
बहुत अच्छी रचना .. आपको रक्षाबंधन की बधाई और शुभकामनाएं !!
जवाब देंहटाएंरक्षाबंधन पर हार्दिक बधाइयाँ एवं शुभकामनायें!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना लिखा है आपने !