तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अगस्त 2010
बहन के लियें भाई के प्यार का रक्षा बंधन
बहन के लियें भाई के प्यार का यह त्यौहार रक्षाबन्धन कहने को तो कच्चे धागे बाँधने का त्यौहार हे लेकिन इसके पीछे बहन भाई का अटूट प्यार रक्षा के बंधन में बंध जाने का अटूट विश्वास शामिल हे और इसी प्यार के खातिर कोसों दूर बेठी बहने अपने भाई की कलाही पर प्यार और रक्षा की यह हथकड़ी बांधने को आतुर रहती हें , इस त्यौहार में हमारे देश में रक्षा का जो फार्मूला रक्षा का जो गणित हे वोह चाहे कोई समझे ना समझे लेकिन इस देश के नोजवानों को समझना होगा आज देश में हमारी बहन बेतिया सुरक्षित होंगी वोह निर्भीक और विशवास के साथ पढ़ लिख सकेंगी तो हमारा देश अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आत्मनिर्भर हो सकेगा । दोस्तों अब हम देश को सुरक्षा की बात करें तो हमें भी देश में प्रत्येक नागरिक को रक्षा के बंधन सूत्र में बंधना हे हमें शपथ लेना होगी के हम हमारे देश में भ्रष्टाचार, गरीबी, भुखमरी, आतंकवाद, भाई भतीजावाद , निरक्षरता ,बेरोज़गारी,काहिली,मिलावटखोरी जमा खोरी से इस देश की रक्षा करें हम खुद को एक ऐसी रक्षा की शपथ में बांधे के खुद के घर , खुद से , परिवार से समाज से , जाती से और पडोस से इस मुहीम को शुरू करें इस मामले में देश के सफेद पोश गद्दारों से देश को सुरक्षित रखने का यही बस एक तरीका हे वरना यह गद्दार काले धंधों से रूपये कमा कर अखबार निकलते हें , टी वी चेनल चलाते हें और नोजवानों को जाती,धर्म,भाषा,क्षेत्रीयता के मुद्दों को भडका कर देश को तोड़ने की साज़िश रचते हें और समाज में डर का वातावरण पैदा कर खुद को भाई साहब , नेता जी कहलवाकर देश को बर्बाद और गुमराह करते हें तो दोस्तों चलो आओ देश के इस रक्षा बंधन के अवसर पर हम शपथ लें जय रक्षाबन्धन और देह की राष्ट्रीय एकता ,अस्मिता,आंतरिक और बाह्य सुरक्षा के साथ साथ स्वास्थ्य रक्षा,आर्थिक अव्यवस्था से रक्षा मामल में कालाबाजारियों से देश को आज़ाद करा के इसकी सुरक्षा की शपथ लें। अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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