तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
23 अगस्त 2010
भाई सुनील दत्त जी हम को माफ़ी दे दो
भाई सुनील दत्त जी आदाब में दो दिन से ब्लोगर्स की दुनिया में अनुपस्थित था आज आया तो मेरे ब्लॉग पर आपकी गुस्से वाली टिप्पणी पढ़ कर हेरान रह गया भाई हम और आप ठहरे हिन्दुस्तानी हम ओपर आप तहरे मानवता वादी हमारा और आपका सिद्धांत जियो और जीने दो का हे हम किसी धर्म के पचड़े में नहीं पढ़ते क्यूंकि बहुत बहुत धर्म की बात करने वालों को नजदीक से देख कर जो चेहरे सामने आये हें उससे खुद से डॉ लगने लगा हे इस लियें राष्ट्र सेवा और राष्ट्रीयता मानवता ही अपना धर्म हे पढ़े सभी धर्म हे आदर सभी धर्मों का हे सम्मान सभी जातियों का हे लेकिन करना अपनी मर्जी का हे राष्ट्र के मामले में जो भी गद्दार सामने आये उसे थोक दो वाला सिद्धांत रहा हे क्योंकि गद्दार अपना प्राय नहीं होता अपराधी अपना पराया नहीं होता वोह तो बस अपराधी और गद्दार होता हे , खेर कोई बात नहीं लेकिन भाई मुझे पहले तो बिना शर्त माफ़ी दो फिर , एक वचन दो के भविष्य में आप हमसे इस तरह नाराज़ नहीं होंगे और अब मेहरबानी करके मुझे कम से कम यह जान्ने का तो हक हे के मेरी गुस्ताखी किया हे मुझ से गलती किया हुई हे जो आप मुझ से नाराज़ हें और जनाब सुनील दत्त जी में आप से यह इसलियें पूंछ रहा हूँ के भविष्य में मुझ से ऐसी कोई गुस्ताखी ना हो जो आपकी नाराजगी का सबब बने , में आपके साथ दुसरे सभी ब्लोगर्स को निवेदन करूंगा के मुझ से कोई गुस्ताखियाँ होती हों तो प्लीज़ मुझे सावचेत जरुर करा करें ताकि भविष्य में में उसमे सुधार कर लूँ और मेरी वजह से किसी को अनावश्यक तकलीफ ना हो इसका ध्यान रखूं तो गुस्से वाले मेरे भाई सुनील दत्त जी एक बार फिर कान पकड़ कर माफ़ी माफ़ी ही क्या में तो कान पकड़ कर उठक बैठक लगाता हूँ ।, अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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