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31 अगस्त 2010

राजस्थानी भाषा आठवीं अनुसूची में शामिल नहीं

केंद्र सरकार राजस्थान की संस्क्रती की पहचान राजस्थानी भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने में चक्कर बाज़ी कर रही हे । राजस्थान के पत्रकार और नेताओं ने इस मामले में अथक प्रयास कियें हें केंद्र पर अपना दबाव बनाया हे लेकिन संविधान की १९३ के प्रावधानों के तहत इसे सूचि में शामिल करने में चकमे बाज़ी और भने बाज़ी की जा रही हे । देश को आज़ाद कराने में प्रमुख भूमिका निभाने वाला राजस्थान आज़ादी के बाद से ही उपेक्षित हे राजस्थान का नाम राष्ट्रगान से गायब हे खेर कोई बात नहीं राजस्थानी इसे बर्दाश्त करते रहे हें लेकिन राजस्थान के निर्माण और फिर राजस्थान में प्रशासनिक द्रष्टि से केंद्र सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं में कमी के बाद राजस्थान अब प्रमुख राज्यों में सबसे बढ़ा राज्य शामिल हे राजस्थानी भाहा का अपना सम्मान अपना इतिहास हे इसे राजा रजवाड़ों की एक मात्र भाषा कहा गया हे लेकिन राजस्थानी हे के केंद्र में पिछड़ी हुई हे इसे साज़िश के तहत केंद्र की अनुसूची में शामिल नही किया गया हे जिसकी वजह से उसे मान्यता प्राप्त दर्जा नहीं मिल सका हे अब लोहा गर्म हे अगर अभी भी राजस्थानियों ने जिनका सिक्का पुरे विश्व के व्यापार में चलता हे केंद्र पर एक जुट होकर इस भाषा का सम्मान कर मान्यता प्राप्त सूचि में शामिल करने का दबाव नहीं बनाया तो फिर राजस्थानी का अपमान होना निश्चित हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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