जन्नत से निकलते वक्त
शेतान ने भगवान से कहा
खुदा तेरे बन्दों को में शेतान बना दूंगा
खुदा ने कहा तू जा तो सही
तेरे लियें तो मासूम बच्चे ही काफी हें
दुनिया में शेतान आया
उसने डरावना चेहरा बनाया
बच्चों को आकर डराया
बच्चों ने झुण्ड बनाया
एक बच्चे ने शेतान के कान खेंचे
दुसरे बच्चे ने शेतान की नाक खेंची
तीसरे बच्चे ने शेतान की आँख में तिनका घुसाया
और चोथे नें शेतान को पूंछ पकड़ कर घुमाया
शेतान ने बच्चों की जब यह हालत देखी
तो वोह घबराया
भाग भाग कर उसने पीछा छुडाया
कोने में जाकर हांफता कांपता
शेतान सोचने लगा
बच्चे तो सच में खुदा का रूप होते हें
यह तो बढ़े ही हें जो बेवकूफ होते हें
मेरे कहते ही मेरे बहकावे में आते हें
भाई भाई को मारता हे
हिन्दू से कहों मुस्लिम से कहो दंगे करवाता हे
जब से दोस्तों शेतान बच्चों से तो कोसों दूर हें
हम हें और हमें एक दुसरे के खिलाफ बहका रहा हे
काश हम भी बच्चे होते
शेतान की आँख नाक खेंचते
और बहादुरी से भगा देते शेतान को
लेकिन ऐसा हो नहीं सकता
हमारे तो मुंह में राम और बगल में छुरी हे
ना हम मानेअल्लाह को, ना माने भगवान को
तोबस भाई हमारे लियें तो शेतान ही फ्री हे .......
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 अगस्त 2010
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बहुत सही कहा है आपने| बच्चे मन के सच्चे|
जवाब देंहटाएंरमजान की भी मुबारकबाद
बहुत सही सीधी सच्ची और अच्छी रचना - अच्छा सन्देश
जवाब देंहटाएं