देश में एक तरफ गरीब भूख से मर रहा हे
अनाज नहीं मिलने पर परिवार आत्महत्या कर रहा हे
दूसरी तरफ सरकारी कुप्रबंध और लापरवाही के चलते
देश में करोड़ों टन अरबों रूपये का अनाज सढ रहा हे ,
सुप्रीम कोर्ट अनाज को गरीबों में बांटने का कहती हे
सरकार हे के इस कान से सुनती हे और दुसरे कान में रुई डाले रहती हे
देश का करोड़ों टन अनाज फिर सड़ता हे
गरीब सभी स्थानों भूख से मरता हे
सुप्रीम कोर्ट फिर सरकार को
अनाज गरीबों में बांटने के लियें कहता हे
लेकिन यह मेरे भारत महान की सरकार हे
यहाँ जनता हो चाहे हो सुप्रीम कोर्ट
सभी के आदेश निर्देश बेकार हें
यहाँ तो अमेरिका के गुलाम मनमोहन हे
अमेरिका कहे तो दिन
अमेरिका कहे तो रात हे
फिर अनाज सड़े,जनता मरे
मनमोहन सोनिया के लियें क्या बात हे
अब तो बस कह दो गरीबों से
लुट लो अनाज
मिटा लो भूख अपनी
मत मरो यूँ भूखे
आओ बचा लो इस देश को
इन शेतानों से ............
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
12 अगस्त 2010
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बहुत अच्छी प्रस्तुति।
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