आओ हम बताएं तुम्हे
मोहब्बत क्या होती हे ,
मानों तो खुद को परवाने की मानिंद जला दो
परवाने की चिराग से यही मोहब्बत होती हे
मोहब्बत से देख लो उनको अगर तो कहते हें
आग लगा दो जिस शहर में वोह रहती हे
जो चाहो जिसे चाहो मिले या ना मिले
दीवानगी फिर भी जिस में हो मोहब्बत वही होती हे
मोहब्बत प्रेमी प्रेमिका की जागीर नहीं
यह तो बाप बेटे माँ बेटे में भी होती हे
रोतो हों को जो हंसा दे
हंसते हुओं को जो रुला दे
हाँ मोहब्बत यही होती हे
सिसकते हें जो थोड़ा सा खुश होकर
उन तडपते लोगों के आंसू देखलो
और समझ लो के मोहब्बत केसी होती हे
कमबख्त यह केसी भी हो
फिर भी जिंदगी में हर शख्स को
किसी न किसी से जरुर होती हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे? गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
18 अगस्त 2010
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na ho to jayda sahi hai mai bahut roya
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