इस जहां में
खुलूस और प्यार से
पुकारे एक दुसरे को कोई
बस
ऐसे लोगों की
अब मुझे तलाश हे ।
राह का पत्थर
समझ कर ठुकराए
कोई मुझे
आज बस मुझे
ऐसे आदमी की
तलाश हे ।
गुमसुम लोगों को
हंसाये
रोते हुए लोगों
के आंसू जो पोंछे
बस आज भी
मुझे
ऐसे लोगों की तलाश हे ।
अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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