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19 जुलाई 2010

ग्रह मंत्री चिदम्बरम खतरे में

देश की जनता की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी जिनके सर हे आज उनकी खुद की सुरक्षा खतरे में हे देश की गुप्तचर संस्था आई बी ने कहा हे के केन्द्रीय ग्रहमंत्री और गृह सचिव को नक्सलियों से जान का खतरा हे आई बी का कहना हे के नक्सली अपने नेता की मोत का बदला लेने के लियें गृह मंत्री को निशाना बना सकते हें पिछले दिनों छत्तीस गढ़ और बिहार उड़ीसा में नक्सलियों के हमले में सेकड़ों जवान शहीद हुए तब आई बी ने इस तरह की सुचना एकत्रित नहीं की आई बी ने यह नहीं कहा के देश एन प्रत्येक नागरिक की जान को नक्सली या किसी भी आतंकवादी से खतरा हे आई बी ने यह भी नहीं कहा के देश को भ्रष्टाचार से खतरा हे देश का हर नागरिक गुंडों और राजनेताओं के आगे बेबस हे आज जनता की सुरक्षा की किसी को भी परवाह नहीं हे देश के दो तिहाई सुरक्षाबल नेताओं,मंत्रियों,अधिकारीयों और विदेशियों की सुरक्षा में लगे हें जनता के हिस्से में जो सुरक्षा कर्मी हे ओह या तो प्रशिक्षित नहीं हे या फिर वोह काम करना नहीं कहते हें तो दोस्तों अगर देश में सुरक्षा केवल नेताओं और मंत्रियों की ही रही तो एक दिन ऐसा आ जाएगा के देश में केवल नेता और सुरक्षा कर्मी ही बचेंगे जनता का तो फिर नरसंहार होना ही हे । अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

3 टिप्‍पणियां:

  1. सही कहा आपने आम जनता तो जीती है,वह तो कीड़े-मकोड़े की तरह है।

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  2. यह इस देश का दुर्भाग्य ही कहा जाएगा कि जिन पर देश की सुरक्षा का भार है, वो खुद अपनी सुरक्षा की न सिर्फ चिंता में हैं बल्कि ख़ुफ़िया एजेंसियां भी उनकी जान खतरे में के राग अलाप रही हैं. अपनी जान की फ़िक्र थी तो इस पेशे में आए ही क्यों!
    आपके ब्लॉग पर पहली बार आया हूँ, अच्छा लगा. आप मयंक साहब के दोस्त हैं, यह भी मालूम हुआ, मेरी गिनती भी शायद मयंक साहब दोस्तों में ही करते हैं.

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  3. आदरणीय जनाब अख्तर खान अकेला जी,

    वैचारिक समर्थन एवं हौंसला अफजाई के लिये आभार। मुझे नहीं पता कि लोगों को और विशेषकर आपको यह जानकर कैसा लगेगा, लेकिन मेरा मानना है कि गैर बराबरी एवं भेदभावपूर्ण व्यवस्था के खिलाफ संघर्ष जनांदोलन हेतु-

    एक साथ आना शुरुआत है,
    एक साथ रहना प्रगति है और
    एक साथ काम करना सफलता है।

    इसी आशा/उम्मीद के सहारे हजारों नेक लोगों के साथ मिलकर और नये-नये विशिष्ट लोगों से उनके अनुभव पर आधारित अमूल्य ज्ञान प्राप्त करते हुए/सीखते हुए मैं निरन्तर आगे बढने का प्रयास कर रहा हँ।

    मैंने अनेक लोगों से ऐसा बहुत कुछ सीखा है, जो शायद ही कभी मैं सीख पाता। अतः मेरे लिये प्रत्येक व्यक्ति महत्वपूर्ण है और मेरा यह भी निश्चित मत है कि हर व्यक्ति परमात्मा ने किसी न किसी विशेष मकसद से इस दुनिया में भेजा है। हो सकता है कि अलग-अलग या दूरदराज में काम करने वाले बहुत सारे समान विचारों के लोग मिलकर बडे मकसद को हासिल कर सकें।

    इसलिये नाइंसाफी के खिलाफ और इंसाफ प्राप्ति के मार्ग पर आगे बढने के लिये हमें हर व्यक्ति का सहयोग अपेक्षित है। वैसे भी लोकतन्त्र में जनबल सबसे बडी ताकत है।

    हमारा मकसद साफ! सभी के साथ इंसाफ!!

    शुभकामनाओं सहित। धन्यवाद।

    आपका

    डॉ. पुरुषोत्तम मीणा 'निरंकुश'

    सम्पादक-प्रेसपालिका (जयपुर से प्रकाशित पाक्षिक समाचार-पत्र) एवं
    राष्ट्रीय अध्यक्ष-भ्रष्टाचार एवं अत्याचार अन्वेषण संस्थान (बास)
    (जो दिल्ली से देश के सत्रह राज्यों में संचालित है। इस संगठन ने आज तक किसी गैर-सदस्य, सरकार या अन्य किसी से एक पैसा भी अनुदान ग्रहण नहीं किया है। इसमें वर्तमान में 4366 आजीवन रजिस्टर्ड कार्यकर्ता सेवारत हैं।)।

    presspalika.blogspot.com
    फोन : 0141-2222225 (सायं : 7 से 8) मो. 098285-02666
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