आपका-अख्तर खान

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17 जुलाई 2010

यह मेरे देश का बचपन हे ...

देखो उधर देखो
सडक पर फटे कपड़े नंगे पैर
जो बच्चा गंदगी से अटा पढ़ा
लोगों से कुछ
मांग रहा हे
वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
होटल पर अधमरा चार साल का बच्चा
जो बर्तन मांझ
रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
एक बच्चा जो रस्सी पर चल रहा हे
एक बच्चा जो नीचे
जमूरा जमूरा कर रहा हे
भीड़ के बीच में
जो थाली में पेसे बटोर रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
सूट बूट पहने अपने वजन से कई गुना
बस्ता जिसने लटकाया हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखों
आई आई टी , डॉक्टरी पढ़ के
मां बाप और देश से दूर
विदेश जो जा रहा हे
हां वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
अस्पताल में , अस्पताल के बाहर
जो बच्चा दूध के इन्तिज़ार में बिलख रहा हे
जो बच्चा
दवा के अभाव में
मर रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
देखो उधर देखो
माँ के आंचल से लिपटा
जो दूध की आस में सिसक रहा हे
हाँ वही मेरे देश का बचपन हे
यहाँ इस बचपन को
पढाने ,सजाने,संवारने के कानून हे
वोह देखो जिनके कल्याण का
करोड़ों का बजट सरकार खा रही हे
वोह देखो




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